केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 की स्थिति को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ संवाद किया। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, कुछ राज्यों में कोरोना के कुछ मामले सामने आने लगे हैं, हमने निवेदन किया है कि देश के स्तर पर कोई SOP जारी करें ताकि इसे समय रहते रोका जाए। उन्होंने मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं तो हम 10-11 तारीख को मॉक ड्रिल कराएंगे। हम 9 तारीख को सभी संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे और राज्य में तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
देश में कोरोना मरीजों की संख्या में एक बार फिर से इजाफा होने लगा है। पिछले 24 घंटे में देश में 6,050 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 14 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केस का आंकड़ा भी 28 हजार 303 हो गया है। कोरोना के बढ़ते केसेस को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी राज्यों से कहा कि वे 10 और 11 अप्रैल को अस्पतालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की मॉक ड्रिल करें। 8 और 9 अप्रैल को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। मांडविया ने कहा, राज्यों एवं UTs के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान कोविड टेस्टिंग एवं जीनोम सीक्वेंसिंग के साथ कोविड नियमों के पालन का प्रसार बढ़ाने पर बात हुई। हमें सतर्क रहना है और डर नहीं फैलाना है।
केंद्र सरकार के कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यक तैयारियाँ के साथ 10 और 11 अप्रैल को (चिन्हित कोविड डेडिकेटेड स्वास्थ्य सुविधाओं सहित) मॉक ड्रिल करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सभी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और अस्पताल के सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश जारी किए है।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य कोविड-19 के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना है। सोमवार-मंगलवार 10 और 11 अप्रैल, 2023 को मॉक ड्रिल के दौरान जिलों को आवश्यक मापदंडो पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। इसमें अस्पतालों में बिस्तर क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर सहित बेड की नियत संख्या की उपलब्धता सुनिश्चित करना हैं।
सभी जिलों को कवर करते हुए भौगोलिक रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रतिनिधि उपलब्धता सुनिश्चित करना है। अस्पताल में उपलब्ध मानव संसाधन जिसमें डॉक्टर नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष डॉक्टर, आशा सहित अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, आगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य ग्राम स्तर के कार्यकर्ता, मानव संसाधन क्षमता में कोविड-19 प्रबंधन पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य देख-भाल कार्यकर्ता, गंभीर मामलों के प्रबंधन के लिए वेंटीलेटर प्रबंधन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्ता, पीएसए संयंत्रों के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि और रेफरल सेवाओं में एडवांस्ड और बेसिक लाइफ सपोर्ट, (एएलएस/बीएलएस) एंबुलेंस की उपलब्धता, अन्य एंबुलेंस की उपलब्धता (पीपीपी मोड के तहत या एनजीओ के साथ), कार्यात्मक एम्बुलेंस कॉल सेंटर की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।
परीक्षण क्षमताओं में कोविड परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या और क्षमता, आरटीपीसीआर और आरएटी किट की उपलब्धता, परीक्षण उपकरण और रिएजेन्ट की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। चिकित्सा रसद में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता जैसे स्टेरॉयड, एनोक्सापारिन, रेमेडिसविर, टोसिलजुमेब और अन्य सहायक दबाए आईवी तरल पदार्थ आदि, वेंटिलेटर (कार्यात्मक) पीपीई (पीपीई किट, एम-95 मास्क आदि) नेब्यूलाइजर, ऑक्सीमीटर आदि, मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लॉट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, स्टोरेज टैंक मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि की व्यवस्था को दुरुस्त रखना शामिल है। साथ ही टेलीमेडिसिन सेवाओं की उपलब्धता को भी सुनिस्चित करना है।
मॉकड्रिल में दिए गए निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में संबंधित जिला कलेक्टर, जिला अधिकारियों के मार्गदर्शन में मॉकड्रिल की जायेगी। सभी स्वास्थ्य संस्था मॉकड्रिल का डाटा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/जिला सर्विलेंस अधिकारी से समन्वय कर मंगलवार, 11 अप्रैल को सायंकाल तक अनिवार्य रूप से ऑनलाइन कोविड-19 इण्डिया पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करेंगे।