एक शिक्षक ने मृत शरीर मेडिकल कालेज को दिया दान
बहराइच। जिले के एक शिक्षक ने जीवित रहते हुए ही अपने शरीर को मेडिकल कालेज के छात्रों के अध्ययन के लिए दान करने की घोषणा कर दी थी। वह चाहते थे कि मरने के बाद एक अध्यापक के शरीर को मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रहे छात्र शोध करें।जानकारी के अनुसार बिहार से ब्लॉक मिहीपुरवा के टीचर कालोनी में आकर बसे जनार्दन सिंह की उम्र 90 वर्ष पार कर चुकी थी तब भी वह अभी काफी स्वस्थ्य दिखते थे।
बिहार में प्रधान अध्यापक रह चुके जनार्दन की शादी हुई थी लेकिन उनके बच्चे नही थे इसलिए उन्होंने अपने भतीजे को अपने बच्चे जैसा प्यार दिया और उसकी शादी भी उन्होंने कराई। प्राप्त जानकारी के अनुसार छः साल पहले जनार्दन सिंह के एक मित्र तुलसी सिंह कुशवाहा ने अपना शरीर मेडिकल के छात्रों के लिए दान कर दिया था यह बात जनार्दन सिंह को बहुत पसन्द आई और उन्होंने इस घटना से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने भी दो साल पूर्व अपने शरीर को मेडिकल छात्रों के परीक्षण के लिए दान की घोषणा कर दी।
90 वर्ष पार कर चुके जनार्दन को कोई बीमारी नही थी लेकिन अभी एक माह पूर्व वह कुर्सी से गिर गए जिसके बाद कूल्हे की चोट के कारण उठ बैठ नहीं पाते थे। लिहाज़ा कमज़ोर होते गए और उनकी मौत हो गई। मौत के परिजनों ने उनकी इच्छा का ख्याल रखते हुए उनके शरीर को बहराइच मेडिकल कालेज को सौंप दिया। परिवार को कर्मकांड न कर पाने का मलाल ज़रूर है लेकिन समाज जो उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी उससे उन्हें खुशी भी है।