पंजाबराज्य

पराली प्रबंधन के लिए वित्तीय मदद दे केंद्र : कृषि मंत्री

  • फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने की अपील

चंडीगढ़। पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्य में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ सीजन के दौरान धान के विकल्प के तौर पर मक्का, कपास और अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने वाले किसानों को 17 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से नकद प्रोत्साहन राशि दे। खुड्डियां ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 10 जून 2024 को जारी पत्र के माध्यम से फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी) के तहत राज्य में धान के विकल्प संबंधी संशोधित निर्देश जारी किए गए थे।

वैकल्पिक खेती चुनने वाले किसानों को प्रोत्साहन जरूरी

उन्होंने बताया कि इसके तहत खरीफ सीजन के दौरान धान की जगह कोई अन्य वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को 17 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से नकद प्रोत्साहन राशि देने के बारे में कहा गया था। उन्होंने कहा कि इस पत्र के मुताबिक प्रति किसान 5 हेक्टेयर तक इस योजना के तहत लाभ ले सकता है। इस पत्र की निरंतरता में पिछले साल नवंबर और दिसंबर में दो और जारी किए गए पत्रों में इस नकद प्रोत्साहन राशि देने का कोई जिक्र नहीं किया गया, जिसने किसानों के लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है।

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में लिया हिस्सा

खुड्डियां यहां केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा यहां पूसा कॉम्प्लेक्स में खरीफ की फसलों संबंधी आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-2025 में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने किया। पंजाब के कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पहले ही भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह पराली के उचित प्रबंधन पर आने वाले अतिरिक्त खर्च के बदले किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देकर समर्थन और सहयोग करे ताकि पराली जलाने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के खतरे से निपटा जा सके। उन्होंने दोहराया कि इस संबंध में पंजाब सरकार अपना बनता योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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