पंजाबराज्य

मजीठा त्रासदी: सरकार की त्वरित कार्रवाई, सभी 10 आरोपी छह घंटों में गिरफ्तार

  • मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे का किया ऐलान
  • “इस साजिश के पीछे जो भी हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलेगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा,” मुख्यमंत्री मान ने किया ऐलान

मजीठा (अमृतसर): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि अमृतसर जिले में जहरीली शराब के कारण हुए त्रासदी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह कितना भी अमीर या पहुंच वाला क्यों न हो। जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ित परिवारों के साथ सहानुभूति साझा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मौतें सिर्फ हादसा नहीं हैं, बल्कि हत्या है, जो कुछ व्यक्तियों के लालच के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि यह एक स्पष्ट हत्या है और राज्य सरकार दोषियों को सख्त से सख्त सजा सुनिश्चित करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जहरीली शराब के कारण 17 कीमती जानें चली गईं हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोग किसी भी रहम के हकदार नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने यह अपराध सोच-समझकर किया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह अपराध शक्तिशाली राजनेताओं के राजनीतिक संरक्षण के बिना नहीं किया जा सकता और पुलिस द्वारा इस पहलू की जांच की जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मुख्य आरोपी समेत 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और साथ ही पुलिस ने इस घिनौने अपराध में शामिल गठजोड़ के संपर्क सूत्रों की भी पहचान की है। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा, “मैं एक बात स्पष्ट तौर पर बताना चाहता हूं, मेरी सरकार दोषियों को मिसाली सजा देकर बेसहारा परिवारों को न्याय दिलाने के लिए दृढ़ है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गठजोड़ के संबंध दिल्ली तक पाए गए हैं और इस अपराध में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा सलाखों के पीछे डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आई है कि इस गंभीर त्रासदी के दोषियों द्वारा 600 लीटर मिथेनॉल, ऑनलाइन मंगवाया गया था, जिसका उपयोग शायद नकली शराब बनाने के लिए किया गया था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पुलिस इस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके और उन्हें मिसाली सजा दी जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नकली शराब की बिक्री और आपूर्ति रोकने में लापरवाही बरतने के लिए पहले ही चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जिनमें डी.एस.पी., एस.एच.ओ. और आबकारी विभाग के दो अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भले ही यह गठजोड़ बहुत मजबूत है और पिछली सरकारों द्वारा खुले संरक्षण के कारण इसने अपने पैर मजबूत किए हैं, पर इस शराब माफिया को राज्य से खत्म कर दिया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि कोई भी राजनेता या सरकारी कर्मचारी, जहरीली शराब से हुई मौतों में शामिल पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम के तहत इस माफिया पर कार्रवाई करने के लिए पंजाब पुलिस को निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन शरारती तत्वों ने भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर तनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की हुई तैनाती का फायदा उठाया ताकि पंजाबियों की जानों की कीमत पर अपना लालच पूरा किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन लोगों को अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ेगी और राज्य सरकार द्वारा उन्हें उचित सबक सिखाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहरीली शराब ने पीड़ित परिवारों के एकमात्र रोटी कमाने वालों को छीन लिया है और लगभग 17 व्यक्तियों की जान चली गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मौतें उसी तरह हुईं, जिस तरह साल 2020 में तरनतारन में जहरीली शराब के कारण हुई थीं। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार मृतकों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया और कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगी। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में इन परिवारों को नौकरियां और अन्य हर संभव मदद भी दी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन परिवारों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

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