अमेठी: साहब मुझे जिंदा कर दो…! गले मे तख्ती डालकर महिला एसडीएम कार्यालय का काट रही चक्कर
अमेठी। संग्रामपुर थाना क्षेत्र के ठेंगहा गांव में जीवित महिला को मृत घोषित करने का मामला प्रकाश में आया है। जहां पर निवास करने वाले राम सत्य ओझा की पुत्रवधू शशि ओझा पत्नी सूर्य प्रकाश ओझा ने गले में तख्ती डालकर एसडीएम कार्यालय अमेठी के सामने परेड किया है। जिसमें यह लिखा हुआ है कि साहब मुझे जिंदा कर दीजिए। एक जिंदा व्यक्ति अधिकारियों से इस बात की गुहार लगा रहा है कि मुझे जिंदा कर दीजिए। इसका मतलब हुआ वह व्यक्ति जिंदा होकर भी जिंदा नहीं है। क्योंकि कागजों में उसे मृतक घोषित कर दिया है।
यही नहीं उसके नाम सड़क के किनारे जो वेश कीमती जमीन थी उसका वरासत कर लिया गया है। ऐसे में कागजों में मृतक शशि ओझा अधिकारियों से अपने आप को जिंदा घोषित करने के लिए पिछले 3 दिनों से अमेठी तहसील के चक्कर काट रही। ऐसे में राजस्व विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। जिसके चलते एक जीवित महिला जिंदा होते हुए भी कागजों में मृतक हो गई है।
पूरा मामला अमेठी तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा ठेंगहा का है जहां निवासी राम सत्य ओझा के छोटे पुत्र सूर्य प्रकाश की दो शादियां हुई है। सूर्य प्रकाश ओझा की पहली पत्नी शशि ओझा है। सूर्य प्रकाश अपनी पत्नी को लेकर नई दिल्ली में रहता था। सूर्य प्रकाश को पहली पत्नी शशि से दो संतानें भी है। किंतु कालांतर में दोनों के बीच मतभेद होने के चलते दूरियां बढ़ती गई और सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच संबंध विच्छेद भी हो गया। ऐसे में एक संतान शशि ओझा के पास रहती थी जबकि दूसरी संतान (लड़का) ठेंगहा गांव में अपने दादा-दादी के साथ रहता था।
संबंध विच्छेद होने के बाद सूर्य प्रकाश ने दूसरी शादी कर ली। अभी कुछ दिनों पहले सूर्य प्रकाश की दूसरी पत्नी का स्वर्गवास हो गया अभी तक उसकी वार्षिकी भी नहीं हुई है। सूर्य प्रकाश की पहली पत्नी शशि अपनी दूसरी संतान को अपने पास नई दिल्ली ले जाना चाहती थी और लगातार इसका प्रयास कर रही थी लेकिन वह सफल नहीं हुई। इसी बीच उसकी पहली पत्नी शशि स्थानीय पुलिस के साथ सूर्य प्रकाश के गांव ठेंगहा स्थित घर पहुंची। जहां पर वहां अपने सास ससुर के पास से रह रहे अपने बेटे को ले जाना चाहती थी।
लेकिन जब पुलिस वालों ने लड़के से पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहता है तब लड़के ने मां और दादी दोनों में से वह अपनी मां को चुना है। इसके बाद वह बैरंग वापस हो गई। यहीं पर आने के बाद किसी के माध्यम से उसको यह पता चला कि उसको मृत दिखाकर उसकी जमीन का वरासत करा लिया गया।
हालांकि वरासत में उसके ही नाबालिग पुत्र का नाम दर्ज है। लोग बताते हैं कि ऐसा इसीलिए किया गया है कि जिससे सड़क के किनारे स्थित बेशकीमती जमीन को शशि औने पौने दामों में किसी के हाथों विक्रय ना कर सके। लेकिन कहीं ना कहीं तरीका गलत चुना गया। सूर्य प्रकाश की दूसरी पत्नी मृतक हुई थी।
इसी का लाभ लेते हुए पहली पत्नी को मृतक दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया गया और उसी के आधार पर वरासत दर्ज कर दी गई है। फिलहाल जानकारी होने के उपरांत शशि ओझा पिछले तीन दिनों से अमेठी तहसील के चक्कर काट रही है। ऐसे में आज उप जिलाधिकारी अमेठी प्रीती तिवारी ने मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।