ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता
मेंहदावल। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति गुरुवार से शुरू हुए कार्य बहिष्कार के कारण मेहदावल तहसील क्षेत्र के लगभग एक हजार गांव अंधेरे में है। गांवों में पंखा ,पानी के लिए लोग तरस जा रहे है वही चार्जिंग से चलने वाले गाड़ियों के पहिए थम से गए है और उन लोगो को रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
मेंहदावल तहसील क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में हड़ताल का असर जोरदार पड़ा है। हालांकि मेंहदावल नगर में अवर अभियंता मनोज श्रीवास्तव ने मोर्चा संभालते हुए कटौती मुक्त रखा है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर हो गई है। हजारों गांव में ग्रामीण पानी और रोशनी के लिए तरस रहे है। करहना गांव निवासी रमावती , मनीषा , भानमती , विकास , रवि , अभिमन्यु , सुरेश आदि ने बताया कि पिछले 24 घंटे से बिजली नही आई है। बिजली न आने के कारण पानी ,और मोबाइल जैसे आवश्यक सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। वही सांथा क्षेत्र के जुबेर ,अब्दुर्रहमान ,कुबेर , अमित , शैलेश , एजाजुद्दीन ,रफीक ,शोएब आदि ने कहा कि गुरुवार की सुबह से ही बिजली के दर्शन नही हुए है। 24 घंटे तक तो इन्वर्टर ने साथ दिया लेकिन अब वही भी दगा दे चुका है। वही ई रिक्शा चालक मंटू, मगन ,राजू ,रमेश , इसतिहाक ने कहा कि लाइट न रहने के कारण रिक्शे के पहिए थम गए है अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अगर अगले दो दिन ऐसे रहे तो रोजी रोटी की दिक्कत आ जाएगी। वही उपजिलाधिकारी मेंहदावल योगेश्वर सिंह ने बताया कि सभी गांव को लाइट मिले इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। कोशिश की जा रही है हर गांव में बिजली पहुँचे।