उत्तर प्रदेशमहराजगंज

शब-ए-बारात की रात रूद्र पुर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की इबादत मांगी देश मे अमन चैन की दुआ

सिसव ब्लॉक के अंतर्गत ग्रामसभा रुद्रापुर मे मुस्लिम समुदाय के लोगो ने उल्लास के साथ शब ए बरात मनाया और घर पर रहकर अल्लाह की इबादत

महाराजगंज -शब-ए-बारात के त्यौहार के दिन पड़ने वाली रात की इस्लाम में काफी अहमियत है. शब-ए-बारात मुसलमान समुदाय के लिए इबादत,फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी जाती है. इसीलिए तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग इस रात नमाज और क़ुरआन पढ़ते हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.

शब-ए-बारात की इस्लाम में अहमियत-फजीलत शब-ए-बरात इबादत और मगफिरत की रात है

मुस्लिम समुदाय के तमाम त्योहारों में से एक त्योहार शब-ए-बरात है। इस्लाम में इस त्योहार की काफी अहमियत हैशब-ए-बारात के त्यौहार के दिन पड़ने वाली रात की काफी अहमियत है। शब-ए-बारात मुसलमान समुदाय के लिए इबादत,फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी जाती है. इसीलिए तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर इबादत करते हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.

रुद्रापुर ग्रामसभा के इमाम हाफिज़ अब्दुस्सलाम निज़ामी ने बताया कि आमतौर पर लोग शब-ए-बरात कहते हैं, लेकिन सही मायने में इसे शब-ए-बराअत कहा जाना चाहिए. इनमें पहला शब्द ‘शब’ का मायने रात है, दूसरा बराअत है जो दो शब्दों से मिलकर बना है, यहां ‘बरा’ का मतलब बरी किए जाने से है और ‘अत’ का अता किए जाने से, यानी यह (जहन्नुम से) बरी किए जाने या छुटकारे की रात होती है।इस मौके पर ग्राम प्रधान पति व मौलाना अब्बास नूरी, डॉ जावेद अख्तर, हाफिज़ शइद अंसारी, मो.शमीम, हाफ़िज़ इब्राहिम, हाजी रियासत अली,मास्टर निज़्मुद्दी, मास्टर क़मरुद्दीन अंसारी, आफताब, यसुफ़, दूरदराज से आये मौलाना क़मरुद्दीन के साथ तमाम लोग मौजूद रहे।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button