NEET-PG एडमिशन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के रिजर्वेशन से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. एनईईटी-पीजी (All India Quota) में ओबीसी (OBC) के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को 10 प्रतिशत रिसर्वेशन प्रदान करने वाली मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (Medical Counseling Committee) की 29 जुलाई 2021 की अधिसूचना को चुनौती दी गई है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और ए. एस बोपन्ना की दो-जजों वाली बेंच ने गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई पूरी की थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं से 7 जनवरी 2022 की सुबह तक अपने जवाब का शॉर्ट नोट दाखिल करने को कहा है. सुनवाई के दौरान गुरुवार को याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आंदन ग्रोवर ने कहा कि EWS कैटरगरी के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा तय करने का कोई मतलब नहीं बनता है. क्योंकि देश में ऐसी बड़ी आबादी है जिनकी सालाना आय 0 से 2.5 लाख तक है.
इनकम टैक्स की 5 लाख लिमिट को किया जाए शामिल’
वकील आंनद ग्रोवर ने कहा कि अगर इनकम टैक्स की 5 लाख की लिमिट को भी इसमें शामिल कर लिया जाए 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग इसके दायरे में आ जाएंगे. ऐसे में अगर 5 लाख आय के क्राइटीरिया को अपनाया जाता है, तो अधिकतर लोग इसमें शामिल होंगे. वहीं, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (Forda) के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि ‘हर साल मेडिकल PG के लिए 45 हजार डॉक्टर शामिल होते हैं. लेकिन इस साल कोरोना माहमारी के कारण परीक्षा देरी से हुई. अभी केवल दूसरे और तीसरे वर्ष के ही रेजिडेंट डॉक्टर काम कर रहे हैं. क्योंकि पहले वर्ष के छात्रों ने अभी तक ज्वॉइन नहीं किया है.
अजय भूषण पांडे समिति (Ajay Bhushan Pandey Committee), जिसमें सदस्य सचिव आईसीएसएसआर वीके मल्होत्रा और प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल भी शामिल हैं. इस समिति की स्थापना 8 लाख रुपये की आय सीमा की व्यवहार्यता का विश्लेषण करने के लिए की गई थी. कोर्ट में SG तुषार मेहता ने कहा कि जनवरी 2019 से 27 प्रतिशत OBC, 10 प्रतिशत EWS आरक्षण का प्रावधान है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इसी के तहत एडमिशन हो रहे हैं. यूपीएससी (UPSC) के एग्जाम इसी आरक्षण के आधार पर हो रहे हैं. फिर NEET-PG में इसे लागू न किया जाए, इसका कोई औचित्य नहीं बनता. ये तो भेदभावपूर्ण होगा.
27% ओबीसी और 10% EWS रिजर्वेशन को मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मेडिकल एडमिशन में 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी आर्थिक कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने को मंजूरी दी है. ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने के लिए 8 लाख रुपये सालाना पारिवारिक आय सीमा निर्धारित की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था. जिसके बाद तीन सदस्यों के पैनल ने इस पर विचार-विमर्श किया. केंद्र ने कहा कि पैनल के सुझाव के अनुसार, 8 लाख की सीमा उचित है और हम इसे कम नहीं करना चाहेंगे.