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छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर नितिन गडकरी ने दी प्रतिक्रिया, बोले- स्टेनलेस स्टील का होना चाहिए इस्तेमाल

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी टनलिंग इंडिया के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा, “समुद्र के नजदीक बनने वाले पुलों के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अगर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता, तो वह कभी नहीं गिरती। जब मैं मुंबई में 55 फ्लाईओवर के निर्माण का काम कर रहा था (महाराष्ट्र के मंत्री के तौर पर), तो एक व्यक्ति ने मुझे बेवकूफ बनाया। उसने लोहे की छड़ों पर पाउडर कोटिंग लगाई और कहा कि ये जंग-रोधी हैं। लेकिन उनमें जंग लग गई। मुझे लगता है कि स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल समुद्र से 30 किलोमीटर के भीतर ही किया जाना चाहिए।”

नितिन गडकरी ने बताया कैसे बन सकते हैं 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी

नितिन गडकरी ने इस दौरान कहा कि हमें 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनना है। विश्व में हम पांचवे स्थान पर हैं और तीसरे स्थान पर जाने की इच्छा है। हम दुनिया की सबसे तेज बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं। अगर हमें अवसंरचना को विकसित करना है और इस लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें पानी, बिजली, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन चाहिए ही चाहिए। ये चार चीजें अगर नहीं होंगी तो खेती हो या उद्योग-धंधे दोनों ही विकसित नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमें एक्सपोर्ट को बढ़ाना है तो लॉजिकिस्टिक सपोर्ट को कम करना होगा।

“लॉजिस्टिक सपोर्ट पर करना होगा काम”

उन्होंने कहा कि हमारे यहां लॉजिस्टिक सपोर्ट 14 प्रतिशत के लगभग जाता है। वहीं चीन में यह 8-9 फीसदी है। अच्छे रोड़, टनल, ब्रिज बनाने बहुत आवश्यक है ताकि लॉजिस्टिक सपोर्ट को बढ़ावा मिल सके। नितिन गडकरी ने कहा कि मेरा जन्म महाराष्ट्र में हुआ है। मैं मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के बाद 6 टनल बनाने का मुझे सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि क्यों न हम कुछ टनल ज्यादा बनाएं, ताकि परमानेंट समाधान मिले। हमें सकारात्मक अप्रोच की जरूरत है। समय पर हम निर्णय लेते ही हैं। बता दें कि इस कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने सरकार के कामों और टनलिंग संबंधित पर काफी कुछ कहा।

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