मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।
आज, सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य की आशीर्वाद योजना के तहत 6786 लाभार्थियों के लिए 34 करोड़ रुपये की मंजूरी की घोषणा की।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुसूचित जाति के 5357 लाभार्थियों के लिए 2732.07 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 1429 लाभार्थियों के लिए 728.79 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में वितरित की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि आशीर्वाद योजना पंजाब में अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों की शादी या पुनर्विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें प्रति परिवार 2 लड़कियों की पात्रता होती है।
आवेदकों को विवाह की तिथि से 30 दिन पहले या उसके भीतर अपना आवेदन जमा करना आवश्यक है। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, पंजाब सरकार ने ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए अप्रैल 2023 में आशीर्वाद पोर्टल लॉन्च किया।
उन्होंने आगे बताया कि आशीर्वाद योजना के लिए पात्रता मानदंड के अनुसार आवेदक पंजाब का स्थायी निवासी होना चाहिए, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित होना चाहिए, उसकी वार्षिक पारिवारिक आय 32,790 रुपये से कम होनी चाहिए और वह गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए। प्रत्येक पात्र परिवार को अधिकतम 2 बेटियों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को लंबित मामलों के निपटान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लाभार्थियों को समय पर धनराशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए डॉ. बलजीत कौर ने पुष्टि की कि आशीर्वाद योजना के तहत धोखाधड़ी करने वाले लाभार्थियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने के लिए कड़े कदम लागू किए जा रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सभी वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जा रही है।