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दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य का आगमन बढ़ा रहा महाकुम्भ की शोभाः सीएम योगी

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से की भेंट
  • 150 वर्षों के बाद श्रृंगेरी पीठ के महाकुम्भ आयोजन में औपचारिक भागीदारी पर जाताया आभार
  • मुख्यमंत्री का दक्षिण रीति से किया गया स्वागत, कुम्भ के स्वरूप के रूप में भेंट किया गया नारियल
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शंकराचार्य को शॉल ओढ़ाकर और फल भेंटकर किया अभिनंदन

महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे पर शनिवार को दक्षिण भारत की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भी भेंट कर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रृंगेरी पीठ के पूज्य शंकराचार्य के प्रयागराज पधारने से बहुत आनंद की अनुभूति हो रही है। आपके आगमन से महाकुम्भ को पूर्णता मिल रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दक्षिण रीति से स्वागत किया गया और उन्हें कुम्भ के स्वरूप के रूप में नारियल भेंट किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री ने भी शंकराचार्य को शॉल ओढ़ाकर और फल भेंटकर अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य को दी महाकुम्भ की संपूर्ण जानकारी

श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे अंतराल के बाद दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ का महाकुम्भ के महाआयोजन में आगमन हो रहा है। इससे महाकुम्भ की शोभा और अधिक बढ़ गई है। यह आनंद का विषय है कि इस महाकुम्भ में श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य 5 दिन का प्रवास करेंगे, यह हमारे लिए आशीर्वाद की तरह है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आपका आभारी है। कुम्भ जैसे आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में आपकी उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य को महाकुम्भ की व्यवस्था, संतों की भागीदारी और वैश्विक स्तर पर लोगों के आगमन से जुड़ी सभी जानकारियां प्रदान कीं।

शंकराचार्य ने भी की सीएम की भूरि भूरि प्रशंसा

श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री द्वारा महाकुम्भ के विषय में दी गई जानकारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाकुम्भ में की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की। अपनी सेवा में लगे लोगों को भी उन्होंने आशीर्वाद दिया। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री को दक्षिण पीठ की परंपरा के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 48 वर्ष पहले गुरु के गुरु कुम्भ में अमावस्या के समय एक दिन का स्नान करने के लिए यहां आए थे, लेकिन औपचारिक रूप से दक्षिण से कोई शंकराचार्य 150 वर्षों के बाद महाकुम्भ में सम्मिलित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5 दिन के प्रवास के अवसर पर वह शास्त्रार्थ के साथ ही अमावस्या पर शंकराचार्यों के साथ त्रिवेणी संगम स्नान में भी सम्मिलित होंगे। उन्होंने अपने प्रवास और इसके बाद कार्यक्रमों के विषय में भी बताया। इस पर मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य से काशी प्रवास के अवसर पर शास्त्रार्थ सभा और प्रवचन करने का भी निवेदन किया। इस पर शंकराचार्य ने भी अपनी सहमित दी। अन्नपूर्णा मंदिर में कार्यक्रम को लेकर भी शंकराचार्य की ओर से सहमति प्रदान की गई। इस अवसर पर शंकराचार्य के कुम्भ प्रवास के प्रभारी राकेश शुक्ला, दक्षिण के प्रभारी मुरली जी समेत अन्य अधिकारी व अतिथि शामिल रहे।

बाबा कल्याण दास जी महाराज से भी की भेंट

इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 19 स्थित श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक के आश्रम भी पहुंचे और यहां उन्होंने सद्गुरुदेव बाबा कल्याण दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की और उनके साथ व्यक्तिगत चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में सरकार के द्वारा की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं के विषय में भी उनसे बातचीत की। करीब 10 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अपने अगले कार्यक्रम की ओर बढ़ गए। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में कल्याण सेवा आश्रम वर्ष 1977 से जन सेवा, समाज सेवा आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों को अपना उद्देश्य बनाकर निरंतर कार्य कर रहा है।

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