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हरियाणा पुलिस ने आईपीएस अधिकारियों से किया अनुरोध, 31 जुलाई तक ना ले छुट्टी

नए आपराधिक कानून बदलाव के बाद 1 जुलाई से लागू करने के लिए भारत सरकार के दिशा निर्देश पर हरियाणा सरकार भी पूर्ण कटिबंध है। ऐसी जानकारियां मिली है कि इंडियन पेनल कोड तथा कोड आफ क्रिमिनल प्रोसीजर तथा इंडियन एविडेंस एक्ट 1872,1 जुलाई से देश में प्रभावित हो जाएंगे।

हरियाणा के विभिन्न जिलों से जून महीने में छोटी छुट्टियां लेने के लिए पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की एक बाड सी आई हुई है। दूसरी तरफ पुलिस के आल्हा अधिकारियों ने 31 जुलाई तक केवल आपात परिस्थितियों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की छुट्टी दिए जाने पर पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुंजीत कपूर 3 नए आपराधिक कानून को लागू करने के लिए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को विभिन्न तरह के प्रशिक्षण भी मुखिया करवा रहे हैं, ताकि भविष्य में किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े।

इसके लिए सुपरवाइजर अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार का कोई धर्म संकट आने पर वह अपने अधीनस्थ कार्यरत का अधिकारियों तथा कर्मचारी की समस्याओं का समाधान कर सके।

इन परिस्थितियों के अंदर हरियाणा पुलिस ने आईपीएस अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वह 31 जुलाई तक अवकाश ना लें। ऐसी जानकारियां मिली है की जिला स्तर पर कार्यरत का ए आईपीएस अधिकारी तथा एचसीएस अधिकारी वह पुलिस मुख्यालय पर एडीजीपी रैंक के कार्यरत अधिकारी छुट्टियों के लिए प्रयासरत थे।

सूत्रों से पता लगा है कि 11 सीनियर आईपीएस अधिकारी वर्तमान में छुट्टी पर है और कई अधिकारियों की छुट्टी समाप्ति का समय इस माह के अंत तक है। एक महिला अधिकारी 21 जनवरी तक छुट्टी पर है।

एक एडीजीपी रैंक के अधिकारी जिनके पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है वह 7 जुलाई तक लीव पर बताए जाते हैं। 5 अधिकारी जो छुट्टी पर है आईजी पुलिस के रैंक के हैं। तीन एचपी लेवल के अधिकारी हैं जो दो जिला मुख्यालय में कार्यरत है।

इस संदर्भ में हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी टीवीएस प्रसाद ने भी समय-समय पर मीटिंग ली है तथा पुलिस विभाग को सजा करने का काम किया है। टीवीएस प्रसाद मानते हैं कि 3 नए कानून लागू होने के बाद पुलिस ज्यूडिशरी तथा प्रश्न क्वेश्चन के लिए कुछ समय चुनौती पूर्ण रहने वाला है।

कानून के बदलाव के मध्य नजर जेल में भी नए कानून की विधिवत जानकारी रहे इसके लिए 149 वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सिस्टम जिलों तथा कोर्ट कंपलेक्सों में तालमेल के लिए लगाई जा रहे हैं। इसी के साथ कोर्ट कंपलेक्स में 178 वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सिस्टम का अलग से प्रबंध किया जा रहा है।

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