लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोली राज्यपाल- लड़कियां इस बार भी टॉपर, मेडल की चमक से जगमगाए छात्रों के चेहरे
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां दीक्षांत समारोह का आयोजन हो रहा है। इस दौरान एक लाख 6 हजार 306 स्टूडेंट्स को डिग्री बांटी जा रही हैं। जिसमें 62111 लड़कियां है और 44195 लड़के। इसके साथ ही 106 मेधावियों को 198 मेडल दिए जाएंगे। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा की जा रही है। मुख्य अतिथि के तौर पर नालंदा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति और कंप्यूटर वैज्ञानिक, परम सुपर कंप्यूटर जनक पद्मम भूषण डॉ. विजय पांडुरंग भाटकर, अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा विभाग योगेन्द्र उपाध्याय शामिल हुए एंव विशिष्ट अतिथि के रुप में राज्य मंत्री उच्च शिक्षा विभाग की रजनी तिवारी मौजूद हैं।
गायन प्रस्तुति के साथ हुए शुरुआत
कन्वोकेशन के शुरुआत पर्यावरण संरक्षण और लखनऊ विश्विद्यालय के एंथम के साथ हुआ। जिसका नाट्य रूपांतरण भी किया गया। छात्रों ने बड़ी ही उत्साह से साथ अपना प्रदर्शन किया।
बच्चों में होना चाहिए हेल्दी कंपटीशन
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने छात्रों को मोटिवेट करते हुए कहा कि कहीं भी कसी भी यूनिवर्सिटी में जाएं तो वहां लड़कियों की संख्या अधिक है। इससे यह तय है कि भारत बहुत जल्द विश्व गुरु बन जाएगा। छोटे बच्चे को देखिए, स्कूल में भी उसी तरह पढ़ाया जाता हैं और घर में अगर वैसा ही माहौल मिले तो लक्ष्य दूर नहीं हैं। इसके पीछे माता-पिता का हाथ होता है। उन्होंने कहा कि मेडल पाने वाले सभी मेधावियों के माता-पिता को मंच पर बुलाया। इससे मेधावियों के लिए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यहां से पढ़कर निकले कितने ही बच्चे वैज्ञानिक, उद्यमी बनकर देश-दुनिया में नाम रौशन कर रहे हैं। यूजीसी कैटेगरी-1 रैंकिंग मिलने के बाद प्रधानमंत्री से मिले 100 करोड़ रुपये के फंड को रिसर्च पर खर्च किया जाएगा। सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। जिनको नहीं मिला उन्हें बधाई। उनके माता-पिता को भी बधाई।
बच्चों की नीव मजबूत होनी जरूरी है। इसके लिए उनके बीच हेल्दी कंपटीशन, पोजिटिव होना चाहिए। विश्वविद्यालय के गोद लिए छोत्रों के बीच हुए कंपटीशन के विजेताओं द्वारा लिखी गए निबंध की पुस्तक का भी विमोचन हुआ जो अद्भुत था। छोटे-छोटे छात्र इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि पहले यूनिवर्सिटी की स्थिति और आज की यूनिवर्सिटी में काफी परिवर्तन आया है। कमिटमेंट के साथ लक्ष्य बनाकर अगर कुछ पाने की कोशिश की जाए तो हर कुछ आसान है। यूनिवर्सिटी NAAC की रेटिंग के लिए सभी विश्वविद्यालय के साथ आगे आया है। लोग बोलते हैं कि A++ लाना बहुत मुश्किल हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी ने इसे हासिल किया है। अंडर 100 NIRF रैंकिंग लाना भी काफी बड़ी उपलब्धि है।
स्कूली शिक्षकों और छात्रों मिले गिफ्ट
लखनऊ विश्वविद्यालय 67 वाँ दीक्षान्त समारोह 16 सितम्बर, 2024 लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स और टीचर्स को पुस्तकें गिफ्ट की गईं।
राज्यपाल ने किया पुस्तकों का विमोचन
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 15 पुस्तकों का विमोचन किया है। यह पुस्तकें विश्वविद्यालय के साथ-साथ कुछ कॉलेजों शिक्षकों द्वारा ही लिखी गई हैं।
शिक्षा से देश को एक करें- उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने गणेश उत्सव के आयोजन के दौरान हुई पथराव की घटना का जिक्र किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्रों को सलाह दी कि वे खुद को जातियों में न बांटें। उन्होंने कहा कि यह सप्ताह गणेश उत्सव का सप्ताह है। कई वर्ष पहले बाल गंगाधर तिलक ने इस घटना के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना जागृत की थी। लेकिन ऐसे आयोजनों पर पत्थर फेंकते भी देखा जा सकता है। उन्हें पत्थर फेंकना किसने सिखाया? हम सभी को ऐसा सोचना चाहिए। आने वाली पीढ़ी को इस मुद्दे पर सोचना चाहिए। हम इसी क्षेत्र के निवासी हैं, जहां भगवान श्रीराम, भगवान कृष्ण और भगवान शंकर से हमारा गहरा नाता है। लोहिया जी ने एक बार कहा था कि चाहे कोई उन्हें भगवान माने या न माने, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि उन्होंने पूरे देश को एकजुट किया। देशभर में शंकर जी के 12 शिवलिंग हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे देश को एकजुट करें। इसे शिक्षा से ही जोड़ा जा सकता है।
राज्यमंत्री रजनी तिवारी छात्रों को दी बधाई
लखनऊ विश्वविद्यालय को 67 वें दीक्षान्त समारोह की बधाई दी गई। राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत रंग लाई है। उपलब्धियां मात्र प्रमाण पत्र नहीं हैं, बल्कि परिवर्तन के साधन हैं। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ें, चाहे वह उच्च शिक्षा हो, उद्यमिता हो, या रोजगार, इस गहन समझ के साथ कि उनके पास गहरा प्रभाव डालने की क्षमता है। उम्मीद है कि आज से शुरू हो रहे नए सफर में आप जरूर देश को मजबूत करने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य उन लोगों का है जो कड़ी मेहनत से नहीं डरते हैं। साथ ही यह भी याद दिलाया कि उन्हें अपने परिवार, दोस्तों और गुरुजनों के समर्थन और विश्वास को महत्व देना चाहिए, जो उनकी यात्रा में साथ रहे हैं।
अंतरिक्ष विज्ञानी को मिली मानद उपाधि
अंतरिक्ष विज्ञानी और ISRO के नीलेश एम. देसाई को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया। निलेश ISRO में माइक्रोवेव रडार के एक्सपर्ट हैं साथ ही एंबेडेड सिस्टम के वर्ल्ड लेवल एक्सपर्ट हैं। वे मिशन चंद्रयान-3, इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम से जुड़े रहे हैं। विश्व ओजोन दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए डॉ. देसाई ने पर्यावरण जागरूकता और सतत विकास की तात्कालिक आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्नातकों से आग्रह किया कि वे हमारे ग्रह के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता निभाएं और ओजोन परत की महत्वपूर्ण भूमिका को समझें। अपने गृह राज्य के कुलाधिपति से डिग्री प्राप्त करने पर गर्व व्यक्त करते हुए डॉ. देसाई ने छात्रों को विफलता को एक सीखने का अनुभव और सफलता की ओर बढ़ने का कदम मानने के लिए प्रेरित किया, और लचीलापन और दृढ़ता को चुनौतियों से पार पाने की कुंजी बताया।
डॉ. देसाई ने लखनऊ विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सराहना की, जो शिक्षा प्रणाली को लचीला, बहुविषयक और कौशल-उन्मुख बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 छात्रों को नवाचार, आलोचनात्मक सोच और समाज और अर्थव्यवस्था की बदलती मांगों के अनुकूल बनने के लिए तैयार करेगी।
अपने संबोधन के अंत में डॉ. देसाई ने शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डाला और स्नातकों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग व्यक्तिगत और सामाजिक प्रगति के लिए करें। उन्होंने महात्मा गांधी का एक उद्धरण देते हुए कहा किवह शिक्षा जो चरित्र का निर्माण नहीं करती, वह बिल्कुल बेकार है और स्नातकों से इस सिद्धांत को अपनी यात्रा का मार्गदर्शक बनाने का अनुरोध किया।
विश्वविद्यालय छात्रों के लिए हमेशा तत्पर
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने विश्वविद्यालय के नए अध्याय की ओर बढ़ते हुए शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने महाभारत के उद्योग पर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि “विद्या विनयेन शोभते,” अर्थात शिक्षा का वास्तविक आभूषण विनम्रता है। उन्होंने प्राचीन भारतीय शास्त्रों के ज्ञान की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि शिक्षा अनमोल गौरव है, संकट के समय आश्रय प्रदान करती है, और अनंत संभावनाओं का मार्ग खोलती है।
प्रो. राय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, जिसने शैक्षिक संस्थानों को अपने कार्यक्रमों का आधुनिकीकरण करने का अवसर दिया है। लखनऊ विश्वविद्यालय, जो भारत में सबसे पहले NEP 2020 को लागू करने वाला संस्थान है, ने चार-वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, एक-वर्षीय परास्नातक कार्यक्रम और क्रेडिट एवं छात्र हस्तांतरण नीतियों जैसी नई पहलें सफलतापूर्वक लागू की हैं।
उन्होंने बताया विश्वविद्यालय की डिजिटल प्रगति पर भी प्रकाश डाला, जिसमें 3.5 लाख से अधिक छात्रों के लिए “समार्थ” पोर्टल के माध्यम से अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) आईडी बनाए गए हैं। इस दिन 1,06,000 से अधिक छात्रों की मार्कशीट और डिग्री उनके डिजीलॉकर खातों में स्थानांतरित की जाएंगी। लखनऊ विश्वविद्यालय को NAAC A++ मान्यता, UGC कैटेगरी 1 का दर्जा प्राप्त हुआ है, और NIRF 2024 में शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त किया है, जिसमें राज्य विश्वविद्यालयों की श्रेणी में 32वां स्थान है।
डिजी लॉकर पर मिलेंगी मार्कशीट
डिजी लाकर में छात्रों की डिग्री और मार्कशीट अपलोड कर दी गई हैं। जिसे कुलाधिपति ने अपने अपलोड किया है। वहीं हार्ड कॉपी दीक्षांत समारोह के तुरंत बाद सभी छात्रों को भारतीय पोस्ट के माध्यम से उनके घर भेजवा दी जाएंगी। संलग्न प्रपत्र के अनुसार डिजी लाकर पर अपलोड करने और छात्रों को दी जाने वाली डिग्री और मार्कशीट यह हैं-
टोटल डिग्री-106306 फिमेल-62111 मेल-44195
कैंपस (इंक्लूडिंग एचडी)-7049 फीमेल-3418 मेल-3631
लखनऊ (एक्सक्लूडिंग कैंपस)-36877 फीमेल-23122 मेल-13745
हरदोई-19039 फीमेल-8753 मेल-10286
लखीमपुर खीरी-13019 फीमेल-8059 मेल-4970
रायबरेली-15171 फीमेल-9351 मेल-5820
सीतापुर 15151 फीमेल 9445 मेल 5706
इन्हें मिले सबसे ज्यादा पदक
1-शैलजा चौरसिया- 13 पदक
2-रीमा चौधरी- 9 पदक
3-वैशंवी मिश्रा- 9 पदक
4-जुही पटेल- 6 पदक
5-हार्दिक गुप्ता- 6 पदक
6-अनुराग सिंह- 5 पदक
7-देवेंद्र यादव- 4 मेडल
8-अरपन शुक्ला- 4 मेडल
9-अर्पिता गौडविन- 4 मेडल
10-जानवी पटेल- 4 मेडल