बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को रविवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन से आज शाम तक राज्य में नई सरकार के गठन की संभावना है। जदयू और बीजेपी के गठबंधन वाली इस सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे। सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। सम्राट चौधरी को बीजेपी विधायक दल का नेता भी चुना गया है। साथ ही विजय कुमार सिन्हा उपनेता होंगे।
भाजपा विधायक दल का नेता बनाए जाने पर सम्राट चौधरी ने कहा, ‘यह मेरे लिए भावुक क्षण है कि आज सरकार में काम करने के लिए विधानमंडल के नेता के तौर पर मेरा चयन किया गया। मैं पार्टी नेतृत्व और सभी विधायकों का धन्यवाद देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद देता हूं।’ उन्होंने कहा कि बिहार के विकास और लालू प्रसाद यादव के आतंक को खत्म करने के लिए जो जनमत हमें 2020 में मिला था, उसको फिर से एनडीए के तौर पर स्थापित किया गया है। बिहार में एक बार फिर से जंगल राज न आ जाए, इसके लिए जब नीतीश कुमार का बीजेपी के पास प्रस्ताव आया तो हमने उनके समर्थन का फैसला किया।
जदयू विधायकों की बैठक के बाद दिया इस्तीफा
अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल ने नीतीश कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नई सरकार के गठन तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा गया है। नीतीश जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव के साथ राजभवन गए थे। उन्होंने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी विधायकों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इस्तीफा दिया है। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि अभी तक सरकार बनाने का कोई दावा पेश नहीं किया गया है। दावा पेश होने के बाद शपथ ग्रहण का समय तय किया जाएगा।
नीतीश ने 2 साल पहले भाजपा से तोड़ा था नाता
नीतीश कुमार करीब 2 साल पहले भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए थे। उसके बाद उन्होंने अगले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को हराने का संकल्प लिया था। कुमार 18 महीने से भी कम समय में दूसरी बार पाला बदल रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जदयू में विभाजन की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए भाजपा से नाता तोड़कर राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया था। वह 2017 में भी भाजपा से रिश्ता तोड़कर राजद-कांग्रेस गठबंधन शामिल हो गए थे।