गोरखनाथ मंदिर के पते पर बनाई योगी कार्पोरेशन, जनता दर्शन में भेजकर वसूलते थे रुपये
गोरखनाथ मंदिर के पते पर योगी कार्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया नाम से फर्जी संस्था का पंजीकरण कराकर जालसाजी करने वाले दो आरोपियों को कैंट पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने अपना नाम बदलकर उसके आगे योगी लगा लिया था। जालसाज महराजगंज के योगी केदारनाथ और गाजियाबाद के योगी हर्ष के पास से 77 फर्जी परिचय पत्र बरामद किए गए हैं।
केदारनाथ के पास से पुलिस को भाजपा का एक फर्जी परिचय पत्र भी मिला है, जिसमें उसने खुद को प्रदेश महामंत्री लिखवाया है। खबर है कि आरोपी, मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में भी पीड़ित को भेजकर वसूली कर लिया करते थे।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी केदारनाथ नाथ अग्रहरी महराजगंज के पनियरा का रहने वाला है, जबकि हर्ष गाजियाबाद का निवासी है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि कानपुर की भाजपा नेत्री रंजना सिंह ने कैंट थाने में जालसाजी का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि केदारनाथ ने खुद का नाम बदलने के लिए शपथ पत्र दिया और अपने नाम के आगे योगी लगा लिया।
वह लोगों से खुद को गोरखनाथ मंदिर का करीबी बताता था, जबकि वहां पर उसे जानने वाला भी कोई नहीं है। उसने अप्रैल 2023 में गाजियाबाद के हर्ष के साथ मिलकर गोरखनाथ मंदिर के पते पर फर्जी तरीके से योगी कार्पोरेशन का पंजीकरण करा लिया।
गोरखनाथ मंदिर के पते पर योगी कार्पोरेशन ग्रुप ऑफ इंडिया नाम से फर्जी संस्था का पंजीकरण कराकर जालसाजी करने वाले दो आरोपियों को कैंट पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने अपना नाम बदलकर उसके आगे योगी लगा लिया था।
सचिवालय कर्मचारी समेत दो और भी जांच के दायरे में
आरोपियों से पूछताछ में इस गिरोह में लखनऊ स्थित सचिवालय के एक कर्मचारी और एक कथित पत्रकार के भी शामिल होने की जानकारी मिली है। दोनों जालसाजों ने बताया है कि वह स्थानांतरण और दूसरे कामों को इन्हीं दोनों की मदद से कराया करते थे। इनकी मदद से कई काम करवा चुके हैं। प्रार्थना पत्र भी इनके माध्यम से मिल जाते थे, जिसे गोरखपुर के जनता दर्शन में पेश कराया जाता था।