ओपिनियन

अतीक के अतीत होने पर भविष्य की राजनीति

  • यूपी में नो दंगा, नो कर्फ्यू यहां सब चंगा !!

मृत्युंजय दीक्षित


उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया अतीक अहमद अपने पीछे अपराध की दिल दहलाने वाली कहानियां, करोड़ों की संपत्ति और बिखरा साम्राज्य छोड़कर अतीत हो चुका है किन्तु प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उसके राजनैतिक हमदर्द आज भी जीवित हैं और एक खतरनाक माफिया की मौत पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए उसे शहीद और मासूम बता रहे हैं। फिया अतीक अहमद के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में अलविदा की नमाज के बाद नारेबाजी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाये गये और बदला लेने की बात तक कही गई। अतीक के नाम पर बिहार में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति अपनी सारी सीमाओं को लांघ रही है क्योंकि नारेबाजी के समय वहां की पुलिस घटनास्थल पर झांकने तक नहीं पहुंची । बिहार में नारेबाजी के पीछे सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ही हैं जिन्होंने अपने बयानों से मुस्लिम कट्टरपंथियो को भड़काया था।

उधर एआईएएम नेता असद्दुदीन ओवैसी भी लगातार भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं क्योंकि वो अब अपने आप को सर्वमान्य मुस्लिम नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। महाराष्ट्र के बीड में कुछ अराजक तत्वों ने अतीक व अशरफ को शहीद बताने वाला पोस्टर चिपकाकर माहौल खराब करने का असफल प्रयास किया था लेकिन महाराष्ट्र पुलिस ने सजग कार्यवाही करते हुए दो लोगों को पकड़कर जेल भेज दिया। वहीं प्रयागराज के एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने तो अतीक को भारतरत्न देने तक की मांग तक कर डाली किंतु मीडिया और बयान के राजनैतिक व सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को तथाकथित पार्षद को पार्टी से निकाल दिया।

उधर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अपना राजनैतिक तुष्टिकरण वाला क्रोध प्रकट करते हुए मुसलमानों को भड़काने का खूब प्रयास कर रही हैं जबकि उनकी सरकार के मंत्री व विधायक करोड़ों के घोटाले कर रहे हैं और बंगाल की कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी तो एकदम ही बौखलाई हुई है वहीं बहुजन समाज पार्टी भी मौके का लाभ उठाकर मुस्लिम वोट अपनी तरफ करना चाह रही है। आज भारत में धर्मनिरपेक्षता इतनी विकृत हो चुकी है कि एक कुख्यात अपराधी की पहचान सिर्फ उसके मजहब से की जा रही है। अतीक के के सताए लोगों में हिंदू और मुसलमान दोनों हैं तो फिर इस प्रकार की बयानबाजी क्यों हो रही है ?

अतीक की मौत पर कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मुस्लिम वोट प्राप्त करने के लिए कांग्रेस ने अपने राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को स्टार प्रचारक बनाकर भेजा है, यह वही इमरान प्रतापगढ़ी हैं जो कभी प्रयागराज में अतीक अहमद के सम्मान में चौराहों पर होने वाले जलसों में शेरो-शायरी किया करते थे। इमरान प्रतापगढ़ी ने कर्नाटक चुनवों में अतीक अहमद का जिन्न निकालते हुए बयान दिया कि, “मुस्लिम सिर झुकाने वाली नहीं बल्कि सिर काटने वाली कौम है।” प्रतापगढ़ीके बयान को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री करंदलाजे ने सवाल खड़े किये और कांग्रेस के मुस्लिम प्रेम पर हमला बोलते हुए कहा कि, ”प्रतापगढ़ी जैसे लोग तो अतीक और अशरफ को अपना आदर्श मानते थे।“

कर्नाटक विधानसभा के चुनाव प्रचार में अभी योगी आदित्यनाथ का भी तूफानी दौरा प्रारम्भ होने जा रहा है जिसके बाद अतीक व अशरफ का मामाला तूल पकड़ेगा किंतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र के निकाय चुनावों से ही अपनी दिशा निर्धारित कर ली है और अपने तीखे बयानों से अतीक व अशरफ की मौत पर आंसू बहाने का प्रयास कर रहे रानजैतिक दलों को सीधी चेतावनी जारी कर दी है। जहां सेकुलर दलों को लगता है कि अतीक अहमद को जी लगाकर, उन्हें पूर्व मुस्लिम सांसद बताकर मुसलमानों के बीच सहानुभूति की लहर पैदा कर उनके वोट प्राप्त किये जा सकते हैं वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के निकाय चुनावों में पश्चिमी उप्र से चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करते हुए अपनी सरकार व दल की ओर से माफियावाद के खिलाफ एक लंबी लकीर खीच दी है।

निकाय चुनावों के लिए प्रचार प्रारंभ करते हुए योगी ने सहारनपुर, शामली और अमरोहा में नारा दिया, “माफिया अपराधी हो गये अतीत, यूपी बना है सुरक्षा, खुशहाली और रोजगार का प्रतीक”। उन्होंने कहा कि गुंडा टैक्स वसूलने वाले कहां चले गये, कुछ पता नहीं अब उनके लिए दो बूंद आंसू बहाने वाला तक नहीं है, यूपी में माफिया का ढोलक बजाकर रसातल में पहुंचाने का काम किया गया है। वहीं सहारनपुर में उन्होंने कहा कि आज यूपी में नो कर्फ्यू , नो दंगा, यहां है सब चंगा। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में 2017 के पहले बहिन -बेटियां स्कूल- कालेज जाने से डरती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है। सहारनपुर में हिंदुत्व राजनीति को धार देते हुए कहा कि मां शाकम्भरी देवी और बाला सुंदरी उन्हें सहारनपुर में एक दर्जन बार बुला चुकी हैं।

योगी जी ने यूपी के माफिया को ही नहीं अपितु जो लोग 2024 में मोदी जी को रोकने के लिए विपक्ष का महागठबंधन बना रहे हैं और इसलिए माफियाओं व अपराधियों के दम पर मुसलमानों को भड़काकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाह रहे हैं ऐसे सभी लोगों को साफ संदेश दे दिया है कि अब उत्तर प्रदेश में धर्म और जाति के आधार पर माफियाओं व अपराधियों के सफाये का अभियान रुकने वाला नहीं है। सपा, बसपा, कांग्रेस सहित सभी विरोधी दल यह आरोप लगाते रहे हैं कि यूपी में केवल मुस्लिम अपराधियों का ही एनकाउंटर हो रहा है जो पूरी तरह से खोखला और गलत है। प्रदेश में 2017 से अब तक 183 एनकाउंटर हुए हैं, और 5,046 अपराधियों व माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है। 6 वर्षो में इन अभियानों में 13 पुलिसकर्मी शहीद और 1,443 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 2017 में 28 एनकाउंटर में 14 मुस्लिम, 2018 में 41 में से 14 मुस्लिम, 2019 में 34 अपराधी मारे गए जिसमें 11 मुस्लिम, 2020 में 26 अपराधी मारे गए जिसमें 7 मुस्लिम हैं, 2022 में 14 अपराधी मारे गये जिसमें 1 मुस्लिम है। 2023 में अभी तक 14 अपराधी मारे गये जिसमें असद, गुलाम समेत 5 मुस्लिम हैं।

यह बहुत ही लज्जा की बात है कि देश का विपक्ष उस अतीक और अशरफ के साथ खड़ा है जो खूंखार अपराधी थे जिनके सम्बन्ध पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई व आतंकी संगठनों से थे, जो सीमा पार से नशीले पदार्थों व अवैध हथियारों का व्यापार करते थे और पाक खुफिया एजेंसी के हाथ का खिलैना बनकर गजवा -ए- हिंद की साजिश रच रहे थे ।अतीक व अशरफ के पाकिस्तान से संबंधों को इसी से समझा जा सकता है कि उनकी मौत के बाद पाक सोशल मीडिया से अतीक तथा परिवार के नाम पर मुस्लिम युवाओं को भड़काने की साजिश रची जा रही है। अतीक, अशरफ और असद की फोटो पर इमोशनल गाने लगाकर उन्हें हीरो दिखाने की कोशिश हो रही है।

इस तरह की रील्स कई अलग- अलग इंस्टाग्राम एकाउंटस से युवाओं के बीच पर पहुँच रही हैं। लेकिन अब अब ऐसे खतरनाक तत्वों का स्वप्न चकनाचूर हो गया है और यही कारण है कि आज भी कुछ लोग जो कभी अतीक व अशरफ को किसी न किसी रूप में संरक्षण देकर अपना राजनैतिक हित व स्वार्थ साधते रहे हैं आज इन अपराधियों महिमामंडन कर रहे हैं जिससे उनके पाप भी छुपे रहें। समाज की एक वास्तविकता यह भी है कि आज प्रदेश के जन सामान्य को संतोष है कि अब गुंडे माफिया डरेंगे और वो शांतिपूर्ण जीवन जी सकेगा । यह बात छद्म धर्मनिरपेक्ष दलों को भी जितनी जल्दी समझ आ जाए देश के लिए उतना अच्छा होगा।

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button