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सनातन मजबूत होगा तो राष्ट्र मजबूत होगा – उषा रामायणी जी

अमेठी 24 जनवरी 2023 अमेठी जनपद के मां कालिकन भवानी की पावन धरती के निकट पांडेयपुर बेलखरी में आयोजित भागवत महापुराण कथा का आज चौथा दिन है अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक चित्रकूट धाम के ब्रह्मश्री आश्रम की संरक्षिका एवं संस्थापिका साध्वी दीदी उषा रामायणी जी द्वारा आज भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया।

समाजसेवी मां कालिका देवी सेवा संस्थान के सदस्य लालजी पांडेय द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में दीदी उषा रामायणी जी द्वारा प्रस्तुत की जा रही कथा का श्रवण करने के लिए दूर दूर से लोगों की भारी भीड़ पहुंच रही है दीदी उषा रामायण जी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीमद् भागवत कथा का प्रवचन ही नहीं करती हैं बल्कि सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए उसकी ध्वजा को लेकर भारत ही नहीं विदेशों में भी घूमा करती है ।

उषा रामायणी जी कहती है इस धरती पर हम सभी साधु संत सनातन धर्म को मजबूत करने का काम कर रहे हैं सनातन मजबूत होगा तो राष्ट्र मजबूत होगा समाज मजबूत होगा उषा जी कहती हैं श्रीमद्भागवत महापुराण तो भगवान का रूप है ग्रुंथ चाहे जो भी हो सब परमात्मा के रूप कहे जाते हैं उनको पढ़ने से आपको कुछ ना कुछ जरूर हासिल होगा और आपको जो हासिल होता है उसे आप लेकर न बैठे आप समाज के दूसरे लोगों में भी बांटे इसी से तो सनातन मजबूत होगा।

कथा व्यास उषा रामायणी जी ने भगवान के अवतार पर कहा कि भगवान धर्म की रक्षा और असुरों के नाश के लिए अश्रु प्रवृत्तियों के नाश के लिए धरती पर अवतार लेते हैं अलग-अलग रूप में अवतार लेते हैं राम जी भगवान और कन्हैया जी के अवतार में कोई विशेष अंतर नहीं है जितनी माताएं रामजी की थी उतनी ही माताएं कन्हैया जी के थी राम जी के तीन माता तो कन्हैया जी के भी तीन माता थी राम जी जहां पैदा हुए वहां सरजू नदी की धारा बह रही है तो कन्हैया जी का अवतार जहां हुआ वहां यमुना जी बह रही है। भगवान समय-समय पर लीला करने के लिए धरती पर अवतार लेते हैं धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं। ब्राहम्ण की गाय की रक्षा को भगवान धरती पर आते हैं गाय माता की सेवा भगवान की किसी पूजा से कम नहीं है हम सब को गाय माता की रक्षा करने चाहिए आज गाय माता सड़कों पर खुले में घूम रही है।

दीदी उषा रामायणी जी ने समुद्र मंथन और राजा बलि की भी कथा विस्तार से बताती और कहा कि भगवान समुद्र मंथन के दौरान अमृत राक्षसो के हिस्से में न जाय क्यो कि वे अमर हो कर तीनों लोकों में तवाही मचा देंगे।यही नहीं असुरों द्वारा जब भी भयानक रूप धारण किया गया भगवान ने उनके संघार के लिए अस्त उठाया ।यही नहीं भगवान ने अमृत की रक्षा के लिए मोहिनी का रूप भी धारण किया।

दीदी ऊषा रामायणी जी ने भगवान बावन की कथा का भी सभी श्रोताओं को रसपान कराया ऊषा ने कहा कि राजा बलि की परीक्षा लेते हुए भगवान बावन ने तीन पग में राजा बलि का सब कुछ ले लिया। भगवान ने देवताओं एवं अपने भक्तो की रक्षा के लिए भगवान बावन का रूप धारण किया।

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