किसानों को बड़ी सहूलित देने की तैयारी में राज्य सरकार
- सिंचाई के लिए पूर्वांचल और बुंदेलखंड के जिलों में राजकीय नलकूपों का होगा आधुनिकीकरण
- सिंचाई और जल संसाधन विभाग 100 दिनों में कार्ययोजना तैयार करने में जुटा
लखनऊ। नहरों से खेतों तक सिंचाई के लिए जल पहुंचे, खेत-खलिहान लहलहाए। किसानों के चेहरों पर खुशियां आए और उनको लाभ मिले। यूपी में योगी सरकार के प्रयासों से यह सब सम्भव हो रहा है। सिंचाई और जल संसाधन विभाग किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए हर सम्भव प्रयास में जुटा है। बहुत जल्द वो पूर्वांचल और बुंदेलंखड के सात जिलों में 239 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण कराने जा रहा है। इन नलकूपों से पानी की कमी के समय नहरों में पानी की आपूर्ति की जाती है।
प्रदेश सरकार ने किसानों के हित की योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए सिंचाई के लिए उचित संसाधन मुहैया कराने पर भी जोर दिया है। दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी के प्रयासों से किसानों के खेत तक सिंचाई सुविधाओं को पहुंचाने की चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की जा रही है। सिंचाई और जल संसाधन विभाग को 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार करने को दी गई है। योजना के तहत सबसे पहले गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन मण्डलों में 135 राजकीय नलकूपों और कानपुर, झांसी, बांदा मण्डलों में 104 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण कराया जाएगा। इससे 2395 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा और लगभग 2480 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
इस कार्ययोजना में गाजीपुर के अमौरा पम्प नहर एवं रायबरेली की खण्डीय कार्यशाला को भी आधुनिक संसाधनों से लैस किया जाएगा। विभाग अगले छह महीनों में 61 जिलों में 1101 राजकीय नलकूपों को री-बोर कराने की तैयारी भी कर रहा है। इससे बड़ी संख्या में किसानों को अधिक से अधिक लाभ देकर उनकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में सिंचाई हेतु उपयोग में आने वाले जल का 70 प्रतिशत भू-जल है। सिंचाई हेतु भू-जल पर कृषकों की निर्भरता अत्यधिक है एवं इसमें राजकीय नलकूपों का बड़ा योगदान है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 34 हजार 307 चलित नलकूप हैं और इनकी सिंचन क्षमता 29.07 लाख हेक्टेयर है।