UP cabinet meeting: पेपर लीक पर सीएम योगी सख्त, सरकार ने प्रश्न पत्र लीक की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अध्यादेश को दी मंजूरी
लखनऊ। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) प्रश्न पत्र लीक को लेकर छिड़े विवाद के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराने तथा परीक्षा में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिये मंगलवार को एक अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस अहम फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रश्न पत्र लीक के संबंध में मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव के तहत प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में पकड़े जाने वाले लोगों को दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की कैद और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा, ”सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, प्रश्न पत्र लीक और सॉल्वर गिरोह पर प्रतिबंध लगाने और उनसे जुड़े मामलों में प्रावधान करने के उद्देश्य से संविधान के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम अध्यादेश—2024’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।” खन्ना ने कहा कि यह अध्यादेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश सेवा चयन बोर्ड, विश्वविद्यालय प्राधिकरण निकाय एवं उनके द्वारा नामित संस्था में किसी प्रकार की भर्ती परीक्षा, नियमितीकरण या डिग्री, डिप्लोमा प्रमाणपत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि फर्जी प्रश्न पत्र बांटना, नौकरी का झांसा देने के लिये वेबसाइट बनाना इत्यादि को दंडनीय अपराध बनाया गया है।