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1 अप्रैल से उत्तर प्रदेश में शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद, MSP का लाभ पाने के लिए ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

देश में रबी फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है. किसान अपनी तैयार फसल को काटने में जुटे हुए हैं और अलग-अलग राज्य सरकारें पैदावार की खरीद की तैयारी में जुटी हुई हैं. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की खरीद के लिए जोर-शोर से जुट गई है. राज्य में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद की जाएगी. राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि पूरे प्रदेश में 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी. ज्यादा से ज्यादा क्रय केंद्र इसलिए बनाए जा रहे हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े.

खाद्य एवं रसद विभाग ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होगी और 15 जून तक किसानों से उपज की खरीद होगी. वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय की है. पिछले साल गेहूं की एमएसपी 1975 रुपए थी, जिसमें इस बार 40 रुपए की बढ़ोतरी की गई है.

खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर होगा पंजीयन

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गेहूं खरीद के लिए गुरुवार से पंजीयन शुरू हो गया है. किसान अगर एमएसपी दरों पर सरकारी क्रय केंद्रों में जाकर गेहूं की बिक्री करना चाहते हैं तो उन्हें रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल (https://fcs.up.gov.in/) पर पंजीकरण करना होगा. खाद्य एवं रसद विभाग की तरफ से जानकारी दी गई है कि जिन किसानों ने खरीफ सीजन 2021-22 में पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था, उन्हें दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी.

पिछले साल रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को अपने पुराने विवरण को अपडेट करना होगा. विभाग की तरफ से जानकारी दी गई है कि जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे खुद से भी विभाग की वेबसाइट पर पंजीयन करा सकते हैं या पास के केंद्रों पर जाकर भी यह काम करा सकते हैं. उन्हें आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, मोबाइल नंबर और खेत की रसीद ले जानी होगी.

खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों ने कहा कि किसानों से अपील की जाती है कि वे एक्टिव बैंक खाता ही रजिस्ट्रेशन के समय दें. एमएसपी पर गेहूं खरीद का पैसा सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. ऐसे में अगर एक्टिव अकाउंट नंबर नहीं रहेगा तो किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त करने में परेशानी होगी.

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