लोकसभा चुनाव की चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह भी हो गया है और अब बारी लोकसभा स्पीकर चुनने की है।
जानकारी के मुताबिक इस महीने की 26 तारीख को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होना है। ऐसे में हर किसी के जहन में सवाल उठ रहा है कि लोकसभा स्पीकर का चुनाव कैसे होगा।
नई सरकार के गठन के बाद नए सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है। प्रोटेम स्पीकर आमतौर पर लोकसभा के सबसे सीनियर सांसद को बनाया जाता है।
प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही लोकसभा स्पीकर का चुनाव होता है। आम चुनाव के बाद सरकार और विपक्ष मिलकर स्पीकर के लिए उम्मीदवार का नाम घोषित करते हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री या संसदीय कार्य मंत्री उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव करते हैं। अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार हैं, तो फिर बारी-बारी से प्रस्ताव रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर वोटिंग भी कराई जाती है।
जिसके नाम का प्रस्ताव मंजूर होता है, उसे स्पीकर चुना जाता है। इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष पद के चयन के लिए सबसे पहले स्पीकर को सदन का सदस्य होना जरूरी है। संविधान और कानून की समझ होना चाहिए।