वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुहागिनों ने रखा व्रत, की पूजा
पडरौना, कुशीनगर। जेठ की अमावस्या को सुहाग की रक्षा के लिए महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखकर पूजा व परिक्रमा की। नगरीय और ग्रामीण इलाकों में सुबह वट वृक्ष के नीचे थाली में मिट्टी से ब्रह्मा, सावित्री और यम की मूर्ति बना पूजा करने के बाद सुहागिनों ने वट वृक्ष की परिक्रमा और कथा का श्रवण किया।
जिला मुख्यालय स्थित दमवतियां गांव की अर्चना त्रिपाठी आदि ने विधि-विधान से वट वृक्ष के नीचे ब्रह्मा, सावित्री और यम की मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा कीं। बताया कि इस पूजा की प्रेरणा अपनी मां से मिली। अपने पति सत्यवान का प्राण वापस लाने के लिए सावित्री की ओर से कठिन प्रयास किया गया था। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत रखने वाली महिलाओं का सुहाग बना रहता है। इससे परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है। नगर के समीप भरवलिया गांव की प्रतिमा मिश्रा, शोभा, सुशीला, जानकी आदि ने भी महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखा और पूजा कर परिक्रमा की।